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‘हानिप्रद चीजों पर हो सीधी चेतावनी, स्टार रेटिंग नहीं': स्वजामं

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नुकसानदेह खाने-पीने की चीजों पर सीधी चेतावनी छापने की बजाए स्टार रेटिंग की व्यवस्था लागू करने की तैयारी का स्वदेशी जागरण मंच ने विरोध किया है। मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. अश्वनी महाजन ने कहा कि फैंसला करते समय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) का ध्यान लोगों के स्वास्थ्य पर होना चाहिए, न कि कंपनियों के मुनाफे पर।

महाजन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय को अपने स्तर पर पहल करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली खाने-पीने की चीजों पर स्टार रेटिंग जैसी भ्रमित करने वाली व्यवस्था नहीं हो। बल्कि सीधे-सीधे चेतावनी देकर बताया जाए कि उसमें वसा, चीनी या नमक ज्यादा है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने इस संबंध में फैसला करने के लिए जो बैठकें की है, उनमें इतनी बड़ी संख्या मेंं इन्हीं कंपनियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति फैसले की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करती है। इन कंपनियों के साथ प्राधिकरण की पुरानी साझेदारी भी है। ये कंपनियां वसा, चीनी और नमक का अत्यधिक उपयोग कर ग्राहकों को अपने उत्पादों की लत लगाती है। इनका खासतौर पर निशाना बच्चे होते हैं। देश में मधुमेह, ब्लडप्रेशर, किड़नी और लीवर की बीमारियां खाने में चीनी, नमक और वसा के आधिक्य के कारण हो रहे हैं। पैकेट पर कोई चेतावनी नहीं होने के कारण लोग अनजाने में इन हानिकारण खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं।